दिल मिले और गांड चूत सब चुदी-3
मेरी गांडू कहानी के दूसरे भागदिल मिले और गांड चूत सब चुदी-2में अब तक आपने पढ़ा कि उपिंदर के बड़े भाई राजिंदर और उसके दोस्तों ने मेरी गांड मार कर मजा ले लिया था.अब आगे..अब मैं बड़ी मस्त लड़की हो गई थी,दिलमिलेऔरगांडचूतसबचुदी मुझे सबसे खराब लगता था कॉलेज जाना.. पैंट कमीज पहनना. कॉलेज खत्म होते ही घर आ के मुझे कामिनी बन के चैन आ जाता था. उसके बाद सब कुछ अच्छा लगता था. लड़कियों वाले कपड़े पहनना, घर के काम करना और उपिंदर से गांड मरवाना.मेरी जांघों के बीच में लंड था बस, वरना मैं पूरी तरह से लड़की बन चुका था. ख्यालों से, कपड़ों से, सोच से. अपनी माँ को नंगी देख के, उपिंदर से चुदवाते देख के भी बस यही मन में था कि मेरे यार को मज़ा आये.एक दिन मेरी बहन का फोन आया शैली का. वो मेरे से छोटी है, पर सुनी सुनाई बात थी कि उसका बॉयफ्रेंड है और वो सब कुछ करती है.‘भैया, तुमसे मिलने आने का सोच रही हूँ, तुम तो दोस्त के साथ रहते हो, कोई दिक्कत तो नहीं होगी?’‘शैली, मैं अभी थोड़ी देर में फोन करता हूँ.’फिर मैंने थोड़ा सोचा और हिम्मत करके अपनी 2 तस्वीरें उसे भेज दीं, एक सलवार कमीज में दूसरी स्कर्ट टॉप में और फिर फोन किया.‘भैया, ये… ये क्या?’‘शैली, समझ मेरी बात को, ये मैं हूँ और अब उपिंदर मेरा बॉयफ्रेंड है.’‘मतलब तुम उसके साथ सब कुछ …?’‘हाँ मैं उसके साथ सब कुछ करती हूँ, मैं उसकी हूँ.’‘अरे वाह.. मैं उसकी हूँ… फिर तो मैं उसे जीजा जी कहूंगी, क्यों दीदी?’और मेरे चेहरे पे बरबस मुस्कान आ गयी.रात को उपिंदर के साथ बिस्तर पे हम नंगे थे. वो मेरी चुचियां चूस रहा था, मैं उसका लौड़ा सहला रही थी, तब मैंने उसे बताया कि मेरी बहन कल आएगी.ये सुनते ही उसके लंड में हलचल हुई.‘क्यों क्या लगता है फंस जाएगी?’‘दे देगी तुम्हें!’‘कामिनी मेरी रानी उल्टी लेट जा’मैं लेटी.उपिंदर ने मेरे चूतड़ चौड़े किये और लंड पेल दिया. मेरे ऊपर लेट गया और मेरी चुचियां मसलने लगा.‘कल ऐसे मेरे नीचे तेरी बहन लेटी होगी नंगी, वो सब करवाएगी, मेरा लौड़ा चूसेगी, मुझसे चुदेगी, गांड मरवायेगी.’बस वो ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा. मैं मस्त हो के गांड मरवाने लगी. मेरी गांड धुआंधार मार के उसने पानी छोड़ दिया.मस्त गांड चुदाई के बाद हम चिपक के लेटे हुए थे.‘कामिनी तुझे कोई ऐतराज़ तो नहीं न कि मैं तेरी बहन की ले लूँ.’मैं ज़ोर से चिपक गयी.‘मुझे वो सब अच्छा लगता है, जिसमें तुम्हें खुशी मिले.’उसने मेरे होंठ चूम लिए.हम सो गए.अगले दिन शाम को शैली आयी. मैंने उपिंदर से मिलवाया. वो दोनों सोफे पे बैठ के बातें करने लगे. मैं चाय नाश्ते के लिए रसोई में चली गयी, उनकी बातें सुन रही थी.थोड़ी देर में आवाज़ आयी- ये मत करो.मैंने झांक के देखा.उसका हाथ मेरी बहन के टॉप पे था, उभारों पे.‘अरे साली के साथ तो चलता है न.’‘लेकिन दीदी ऐतराज़ करेगी.’‘ठीक है, ऐसा करते हैं, मैं तेरी दीदी के सामने तेरी एक चुम्मी ले लूंगा. पता चल जाएगा कि वो मना करती है या नहीं.’‘ठीक है.’मैं मुस्कुराने लगी. क्योंकि मेरे साजन का काम बन गया था. मेरी बहन फंस गयी थी.मेरे कदमों की आहट सुनते ही उपिंदर ने उसे खींच के अपनी जांघों पे बिठा लिया और होंठों से होंठ जोड़ दिए. मेरे सामने वो शैली के होंठ चूस रहा था और उसका हाथ जीन्स के ऊपर से मेरी बहन के कूल्हे दबा रहा था.‘शैली, ये क्या कर रही है, ऐसे बैठते हैं अपने जीजा जी की गोद में!’उपिंदर भी हैरान हो गया.शैली हड़बड़ा के उठ गयी- सॉरी दीदी.मैंने प्यार से उसके गाल को चूमा और बोली- अरे पगली, कुछ खा ले, उसके बाद इत्मीनान से टॉप और जीन्स उतार के बैठना उनकी गोद में. तूने देखा न मोटी जीन्स के ऊपर से तेरे चूतड़ दबाने में उन्हें कितनी मुश्किल हो रही थी.सब मुस्कुराने लगे.फिर शराब का दौर शुरू हो गया.दो दो पैग के बाद..‘कामिनी ज़रा अपनी बहन का नज़ारा तो करवा.’‘जीजा जी, मैं समझी नहीं?’‘शैली, तू खड़ी हो जा.’वो खड़ी हुई- अब दीदी?मैंने उसका टॉप और जीन्स उतार दी- अब करेंगे तेरे जीजा जी तेरे जिस्म का नज़ारा.वो हमारे सामने सिर्फ ब्रा और चड्डी में बैठ गयी.‘कामिनी तेरी बहन बड़ी प्यारी है.’‘क्या उपिंदर, लड़कियों जैसी बातें कर रहे हो.’‘मतलब … मैं समझा नहीं?’‘शैली मुझे प्यारी दिख रही है. तुम्हें कहना चाहिए… वाह… भरी भरी चुचियां, भरपूर चूतड़ … क्या माल है.’‘क्या दीदी! आप भी …’‘वैसे एक बात है, जब मम्मी यहां आयी थीं, तब तो तुम लोगों को बड़ी मुश्किल हुई होगी, क्योंकि मम्मी के सामने तो दीदी ऐसे नहीं रह सकती.’‘शैली इसका जवाब तुझे तेरे जीजा जी देंगे … जा उनके पास.’उपिंदर ने शैली को अपनी गोद में बिठाया और उसकी ब्रा खोल दी, उसकी चुचियां दबाने लगा.‘हाँ मेरी प्यारी साली, जब तेरी मम्मी आयी थी, तो तेरी दीदी को एक मुश्किल हुई थी और वो ये कि उसे मेरा लंड नहीं मिला. पूछ क्यों.’‘क्यों?’‘क्योंकि वो तेरी मम्मी का काम कर रहा था.’‘हाय राम, मतलब?’‘हाँ मेरी छमिया तेरी मम्मी की चूत और गांड दोनों पे मेरे लंड का ठप्पा लग चुका है, वो मेरा माल है. तेरी दीदी के सामने मजे लिए उसके. और उसका अगला प्रोग्राम भी बना दिया है.’‘अगला प्रोग्राम?’‘बताता हूँ.. बिस्तर पे चल.’उपिंदर ने शैली की पैंटी भी उतार दी और खुद भी नंगा हो गया.शैली ने लंड हाथ में लिया, प्यार से सहलाया, ऊपर से नीचे तक चाटा, फिर मुँह में ले लिया. चूसने लगी. लंड फनफनाने लगा. दोनों लेट गए. उपिंदर मेरी बहन की चुचियां चूसने लगा, उसकी जांघों को दबाने लगा, चूत को सहलाने लगा.‘हाँ जीजा जी, आप वो मम्मी के अगले प्रोग्राम का कुछ बता रहे थे, वो फिर से यहाँ आएंगी?’‘नहीं रानी, वो जालंधर जाएगी.’‘क्यों?’‘मेरे डैडी को मालिनी पसंद आयी है. उनका जन्मदिन आने वाला है. वो तेरी मम्मी के ऊपर चढ़ के मनाएंगे.’‘उन्होंने मम्मी को कब देखा?’‘मैंने कुछ तस्वीरें भेजी थीं, पूरी नंगी.’वे दोनों पूरे गरम हो चुके थे. शैली के निप्पल तने हुए थे. उपिंदर ने उसे अपने नीचे ले लिया और जांघें फैला के चूत में लौड़ा घुसा दिया. मस्त चोदने लगा. चुदाई देख देख कर मैं भी मस्त हो रही थी. मेरा प्रेमी मेरे सामने मेरी बहन को रगड़ रहा था. तूफानी धक्के लग रहे थे. फिर चूत में लंड ने पानी छोड़ दिया.थोड़ी देर सबने आराम किया.फिर शैली फ्रेश होने और नहाने चली गयी. हम दोनों शराब पीने लगे.मैंने लंड को सहलाते हुए कहा- क्यों राजा, मज़ा आया?‘हाँ मस्त चीज़ है तेरी बहन. तूने चुदाई की तस्वीरें लीं?’‘हाँ राजिंदर को भेज भी दीं और उसका जवाब भी आ गया.’‘क्या लिखा है उसने?’‘इसको भी जालंधर ले आना.’‘फिर तो पूरा रंगारंग कार्यक्रम होगा वहां’मैं झुकी और उपिंदर का लौड़ा चूसने लगी.शैली आ गयी- लगता है अब दीदी के साथ प्रोग्राम होगा.‘नहीं मेरी प्यारी साली, आज सिर्फ तेरा भोग लगाऊंगा. अभी दूसरा राउंड होगा, तेरे दूसरे छेद में.’शराब पी के नशा करके, फिर बिस्तर पे तीनों बेलिबास थे. उपिंदर लेट गया और बोला- दोनों आ जाओ और मेरे लौड़े को गरम करो.हम दोनों शुरू हो गए. लंड को चाटना, चूमना, सहलाना, जांघों को प्यार करना, बॉल्स को चूमना चाटना. लंड मस्त खड़ा हो गया.उपिंदर ने शैली को ऊपर खींच लिया. उसके होंठ चुचियां चूसने लगा, बदन को दबाने लगा. मैं लगातार उसके हथियार को प्यार करती रही.‘शैली, तुझे अपनी दीदी के नंगे चूतड़ कैसे लगे?’‘मस्त हैं.. आपने उसकी गांड पेली भी खूब है.’‘आ अब तेरी गांड चोदता हूँ. चल उल्टी लेट जा.’‘कामिनी, अपनी बहन को अपनी गांड का स्वाद चखा, मैं इसकी मारता हूँ.’मैं भी उल्टी लेट गयी, चूतड़ शैली के चेहरे के नीचे. उसने मेरे चूतड़ों को फैलाया और गांड से होंठ जोड़ दिए. पीछे उपिंदर ने उसकी गांड में अपना लौड़ा घुसा दिया और पेलने लगा. मेरी बहन मस्त हो रही थी. मेरी गांड चूम रही थी और मेरे प्रेमी से अपनी मरवा रही थी. तूफानी धक्के मार के उपिंदर शैली की गांड में झड़ गया.अगले दिन सुबह…शैली को वापस जाना था. वो तैयार हो गयी थी. जाने से पहले उपिंदर की बांहों में गयी. उसने होंठ चूसे ऊपर और नीचे के उभार दबाए. मैंने देखा मेरे प्रेमी का लंड पैंट में खड़ा हो गया है.शैली मेरे पास आयी- अच्छा दीदी चलती हूँ, फिर आऊंगी, जल्दी.‘शैली मैं भी तेरी एक चुम्मी ले लूँ?’‘ज़रूर दीदी.’उसने मेरे गले में बांहें डाल दीं.‘नहीं गाल पे नहीं लूंगी.’‘फिर?’‘तेरी जांघों के बीच में.’वो मुस्कुराई- ठीक है.मैं दीवार से पीठ लगा के बैठ गयी.‘आजा.’वो आयी, सलवार और चड्डी नीचे सरकाई- चूम लो दीदी.‘ऐसे नहीं, सलवार पैंटी उतार दे.’वो नीचे से नंगी हो गयी. मैंने उसकी चूत से होंठ जोड़ दिए. उसकी चूत चूसने लगी, चूतड़ मसलने लगी.और फिर वो हुआ, जिसकी मुझे उम्मीद थी. उपिंदर ने उसकी कमीज और ब्रा उतारी पीछे से दबोचा और गांड में लौड़ा पेल दिया और उसकी गांड ठोकने लगा.चूतड़ों के बीच के छेद में लंड, चूत में मेरी जीभ और धक्के.मेरी बहन मस्त हो गयी. अच्छे से पेल के मेरे यार ने मेरी बहन के पूरे मज़े लिए और फिर उसकी गांड में गुड़ मॉर्निंग कर दी.शैली बहुत खुश थी. उसने हमको बार बार थैंक्स बोला. जाने से पहले शैली ने उपिंदर को एक भरपूर चुम्बन दिया, मेरी चुचियां मसली और जल्दी वापस आऊंगी कह कर चली गयी.फिर क्या हुआ, ये अगली कहानी में लिखूंगी. आपके मेल लगातार मिल रहे हैं, गुजारिश है कि ये सिलसिला चालू रहना चाहिए.[email protected]कहानी का अगला भाग:दिल मिले और गांड चूत सब चुदी-4